जलनिधि का किल् लोल, रूपहले बालू कण और महामुनि कपिल का प्राचीन मन्दिर।
3.
सूक्ष्म हूँ जैसेक्षुद्र बालू कण, होना है बड़ा, बनना है विशालसोचता हूँ हर क्षण।
4.
दिन पे दिन...वटवृक्ष-चित्र गूगल से साभार सूक्ष्म हूँ जैसेक्षुद्र बालू कण,होना है बड़ा, बनना है विशालसोचता हूँ हर क्षण।
5.
सेन्ट लुइ स्तिथ वॉशिंग्टन विश्व-विद्यालय के विज्ञानियों ने कम्प्यूटर सिमुलेशन विधि से पता लगाया है, गत फरवरी में अन्तरिक्ष दूरबीन कोरोत ने जिस एक्सो-प्लेनेट का पता लगाया था वह ना सिर्फ़ चट्टानी अंशों का बना है, इस पर कंकर पत्थर रेत बालू कण बरसतें हैं ।
6.
सुबह होती है और रात गुजर जाती है अंगराइयों में जिंदगी की यह लहर अपने ही कसमसाहट में हंसते-रोते कट जाती है…खड़े रह जाते है उद्देश्य हमारे जगत के अंधेरे साये में कड़वे सत्य के सहारे अरसे बाद पढ़ा है मैने फिर दर्शन की गहराई को कितना सहज लिखा है तुमने एक टूटती अंगड़ाई को हां सचमुच ही बालू कण सा वक्त फिसलता है मुट्ठी से और छेड़ते रहते हैं हम, मौन सुधी की शहनाई को